कुंडली दोष, वास्तु दोष और वर्तमान कर्म का दोष जब तीनो एक लाइन मे आते है
कुंडली दोष, वास्तु दोष और वर्तमान कर्म का दोष जब तीनो एक लाइन मे आते है तब महा दुख का सामना करना पड़ता है |
इनमे ग्रह पीड़ा और कर्म गति को जांचने का कोई भौतिक पैमाना नहीं है यद्धपि ज्योतिषीय उपाय करने से लाभ भी मिलता है। गुरु के सानिध्य में जाने से और अगर गुरु कर्म की गति समझाने में हमें सफल हो जाएं तो अपने कर्म की दिशा सही करने से भी लाभ मिलता है लेकिन मैं यहां इस प्रक्रिया वाली बात नहीं कर रहा हूं मेरे कहने का आशय यह है की वास्तु विज्ञान वह विज्ञान है जो हमें तुरंत बताता है कि इस दिशा में यह दोष है और ऐसा करने से ठीक हो जाएगा और अधिकतम मामलों में रिजल्ट उसके बड़ी तत्पता के साथ मिलते हैं।
यही अद्भुत विशेषता है वास्तु शास्त्र की , के जो दोष है वह हमारी आंखों के सामने भौतिक तल पर हमें दिखाई दे रहा है , और जो हल है वह भी आंखों के सामने साफ साफ दिखाई दे रहा है, जांचा जा सकता है।
यह प्रक्रिया एक सामान्य मानवी के लिए समझना सहज है। दूसरे फिर तर्क युक्त मानव के लिए उसमें दुराव छुपाव की कोई गुंजाइश नहीं है। इसीलिए वास्तु शास्त्र अद्भुत है यदि सही वास्तु शास्त्री से कनेक्शन हो जाए तो रिजल्ट प्राप्ति में आशा से कम समय लगता है । आज उपाय करें अगले दिन सुबह क्लाइंट कहता है कि हां मुझे नींद अच्छी आई है। ये पहिचान है की वास्तु दोष का शमन हो गया है। डॉक्टर कोई ऑपरेशन करे तो सर्वप्रथम सुबह पूछते हैं कि नींद कैसी आई!!! अच्छी नींद निशानी है की रोग पर कार्य सटीक हुआ है।
वास्तु दोष को सहजता से ठीक किया जा सकता है और वह अवस्था जब ज्योतिषीय luck , वास्तु luck और कर्म luck तीनों ही प्रभावित हो और जीव अत्यंत कष्टदाई अवस्था में हो, तो उस अवस्था में आराम पाने का एकमात्र सांसारिक और सटीक तरीका है वास्तु ।
वास्तु से तुरंत रिजल्ट प्राप्त हों इसकी संभावना बहुत अधिक है।
ईश्वर आप सबको अपने आशीर्वाद सहित वास्तु सम्मत भवन प्रदान करें।
आशीष गुप्ता
वास्तु ग्रैंड मास्टर
एस्ट्रोलॉजर
नई दिल्ली
भारत।