ग्रहों के सहज ज्योतिषीय उपाय

ग्रहों के सहज ज्योतिषीय उपाय

“उद्यमेन ही सिदध्यन्ती कार्याणि ने मनोरथे:।
न ही सुप्तस्य सिंहस्ये प्रविशांति मुखे मृग :।”

अर्थात
“कोई भी काम उद्यम (मेहनत) से ही पूर्ण होता है बैठे-बैठे हवाई किले बनाने से कभी नहीं होता है, सिर्फ सोचने भर से नहीं होता है।ठीक उसी प्रकार जैसे सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं चला जाता है।

Any work is accomplished by hard work, not just by thinking. In the same way, as the dear does not enter the mouth of the sleeping lion.

संपूर्ण वैदिक सूत्र अथवा यो कहें की सनातन सिद्धांत पूर्ण रूपेण कर्म आधारित है। उनके सूत्र हर देश काल और परिस्थिति में कर्म के सिद्धांत को प्रतिपादित करते हैं। कर्म को ही जीवन का मुख्य आधार माना गया है और इस शारीरिक जीवन के अतिरिक्त, धरती पर हम जो जीवन जी रहे हैं इसके बाद जो हमारा जीवन है उसमें भी धरती पर किए गए हमारे कर्म ही महत्वपूर्ण माने गए हैं। कर्मों की मेहता को रेखांकित करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने परम पवित्र ग्रंथ श्री रामचरितमानस में कहा है…

“कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करही सो तस फल चाखा।”

भगवान श्री कृष्ण ने अपने परम शिष्य गांडीवधारी अर्जुन को महाभारत के मैदान में गीता का ज्ञान दिया और यह अमर वचन कहे की…

“हे अर्जुन कोई भी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में एक क्षण भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता है इसलिए प्यारे तू उत्तम कर्मों के करने वाला और जीवन को दृष्ट के भांति जीने वाला हो।

सनातन के एक-एक संत ने चाहे वह हिंदू समाज के संत रहे हो , जैन समाज के संत रहे हो, बौद्ध समाज के संत रहे हो , सिख समाज के संत रहे हो या अन्य कोई भी संत हों, सभी ने कर्म के महत्व को प्रतिपादित किया है और इस बात का उल्लेख किया है की उत्तम कर्मों से , उत्तम कर्मों के माध्यम से सभी जीव इह लोक और परलोक दोनों को ही सुधार सकते हैं।

अब प्रश्न उठता है कि कर्मों का स्वरूप कैसा हो ? तो कर्मों के संदर्भ में भगवान श्री कृष्ण ने गीता में विस्तृत चर्चा की है। कर्म हर व्यक्ति अपनी-अपनी मति के अनुसार करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की मति पर अंतरिक्ष में निश्चित गति से घूम रहे नव ग्रहों का पूर्ण प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में स्थित सप्तचक्र की अलग-अलग ऊर्जा या अवस्था के अनुरूप नवग्रह उसके शरीर और मति पर अपना प्रभाव डालते हैं। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के शारीरिक सप्तचक्र की अवस्था विलग विलग होती है इसलिए पृथ्वी पर रहने वाले हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रह का प्रभाव विलग विलग प्रकार से दृष्टिगोचर होता है, जो कि हमें उनकी अलग सोच पद्धति, कर्म पद्धति व्यवहार पद्धति और जीवनचार्य के रूप में दिखाई देता है। जीवन में होने वाले अधिकतम परिवर्तन हमारी मति से होकर गुजरते हैं जिन पर नवग्रह पूर्ण रूप से प्रभावित है इसलिए सनातन के महान researchers, अर्थात ऋषियों ने एक ऐसे महान विज्ञान की खोज की जिसके आधार पर ग्रहों द्वारा मस्तिष्क पर आरोपित की गई अवस्थाओं का निरीक्षण एवं परीक्षण किया जा सके उसका वैज्ञानिक विवेचन किया जा सके और फिर कुछ ऐसे नए कर्म किए जा सके जिससे हम उन ग्रहों के कुप्रभावों को न्यून कर सकें और सुप्रभावों को बढ़ा सके। तो कौन से कर्म किए जाएं जिससे ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचा जा सके और ग्रहों के अच्छे प्रभाव को बढ़ाया जा सके। ऐसे कर्म जो ग्रह के प्रभाव और जीव के ऊर्जा चक्र को संतुलित करने में सक्षम है , ज्योतिष शास्त्र में टूटऐसे कर्मों को उपाय कहा गया है अंग्रेजी भाषा में इनको ही Remedies कहा जाता है। समाज की वे विभूतियां जो इन रेमेडीज को अंधविश्वास के रूप में चिह्नित करते हैं उन सब से मेरा विनम्र आग्रह है कि यह उपाय कोई अंधविश्वास नहीं है अपितु यह उपाय किसी भी व्यक्ति के लिए कर्म किस तरह से किए जाएं, कर्मों का स्वरूप क्या हो जिससे उनको इस धरती पर अपना जीवन जीने में सुगमता मिले, यह रेमेडीज कर्म करने का सही तरीका है। जब कभी मैं महान भारत वर्ष के इतिहास के बारे में सोचता हूं तो जो लगभग 2000 वर्ष का इतिहास हमारे सामने ज्ञात है तब से लेकर आज तक इस राष्ट्र के महान संतों ने रेमेडीज को सामान्य मानव के जीवन के कर्मों में जोड़ दिया , जिससे सामान्य जीवन के कर्म करते हुए भी हमारे कर्मों का स्वरूप ऐसा हो गया है की जिससे ग्रहों के सामान्य उपचार हो जाए और जीवन में कष्ट कम आए। यदि नागरिक सुखी होगा तो समाज सुखी होगा और यदि समाज सुखी होगा तो राष्ट्र सुखी होगा और उन्नति की ओर अग्रसर होगा। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि पूरे विश्व में किसी भी राष्ट्र को सोने की चिड़िया नहीं कहा गया है, हमें कहा गया है, इसका प्रमाण है कि पूरे विश्व में जहां भी कहीं कट्टरता फैली है वह राष्ट्र या वह धर्म नष्ट हो गए लेकिन आज भी हमारा राष्ट्र और हमारा धर्म विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ रहा है इनके पीछे वह छोटे-छोटे पॉजिटिव कर्म अपना महतवपूर्ण रोल निभा रहे है जो इस देश के लोग प्रतिदिन अपने जीवन में परंपरा से करते हैं। मैं स्वयं भारतीय समाज के अनेकों लोगों का प्रेम पाता हूं और यह प्रेम तब विशेष रूप से बढ़ जाता है जब उनके ग्रहों की अवस्था के अनुरूप कुछ छोटे-छोटे उपाय उनके जीवन की विकट और विषम परिस्थितियों में उनको आराम प्रदान करते हैं और मेरे लिए यह बड़े आनंद की बात है की धरती पर साथ रहने वाले अन्य जीवात्माओं को जीवन से कष्ट में आराम मिलता है मैं साक्षात् स्वर्ग के आनंद का अनुभव करता हूं।

सामान्य मानवीय के लिए हर उस व्यक्ति जो मेरे इस लेख को पढ़ रहे हैं उनके लिए और हर उस व्यक्ति के लिए जिनको यह लेख प्रेषित किया जाएगा लाभान्वित लोगों के द्वारा ,उन सबके लिए मैं सभी ग्रहों के बहुत सहज उपाय आप लोगों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूं। आप सभी करें और जीवन में अधिक आनंदित हों यही मेरी कामना है।ज्योतिष में सिर्फ दो ही उपाय होते हैं ।

  1. जो ग्रह आपको फलादेश के हिसाब से लाभ दे रहे हैं यदि वह कमजोर है तो उन्हें प्रबल करें । और
  2. जो ग्रह आपको फलादेश के हिसाब से परेशान कर रहे हैं उनका दान एवं उपाय उन ग्रहों से संबंधित जीव-जंतुओं के लिए करें ।

सूर्य ग्रह के उपाय

यदि किसी की कुंडली में सूर्य कारक है एवं फलादेश के हिसाब से लाभ पहुंचा रहे हैं और कमजोर हैं तो ऐसी स्थिति में माणिक्य सोने में रविवार को धारण करना चाहिए। अयोध्या जी जाकर श्रीराम दरबार में भगवान का आशीर्वाद ले।अपने पिता का आशीर्वाद ले। खादी के वस्त्र धारण करें।लाल चंदन का तिलक लगा सकते हैं । लाल चंदन की माला से सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं ।
सूर्य देव के लिए इस मंत्र का जाप करे सकते हैं

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।

यदि सूर्य जन्म कुंडली में आकारक है या फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं तब सूर्य से संबंधित दान एवं उपाय रविवार को करना चाहिए ।

सूर्य से संबंधित दान – गेहूं , तांबा , गुड़ , लाल चंदन , लाल वस्त्र किसी 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को रविवार को दान करना चाहिए ।

चन्द्र ग्रह के उपाय

यदि कुंडली में चंद्रमा पीड़ित या कमजोर है तो सोमवार को मोती चांदी में धारण करना चाहिये। सफेद चंदन का तिलक लगा सकते हैं । Iskcon मंदिर में प्रातः आरती में भाग लें।

चंद्र ग्रह के मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ।
पूर्णिमा की रात्रि को खीर बनाकर छत पर चंद्रमा की रोशनी में रखें, दूसरे दिन प्रातः उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करें ।

चंद्रमा प्रबल होकर किसी प्रकार की परेशानी करे । परंतु फिर भी यदि ऐसा होता है तो चंद्रमा से संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए । दान – सफेद वस्त्र , दूध , चावल , शंख , मोती , सफेद चंदन सोमवार को माता के समान स्त्री को दे।

मंगल ग्रह के उपाय

यदि मंगल कुंडली में कारक हो और फलादेश के हिसाब से लाभ दे रहा हो परंतु कमजोर हो तो इसको प्रबल करने के लिए मूंगा सोने या तांबे में मंगलवार को धारण करना चाहिए ।
तांबे की अंगूठी या कड़ा धारण करें ।
मंगल ग्रह के मंत्र – ॥ ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥

यदि जन्म कुंडली में मंगल किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो निम्न दान मंगलवार को गरीबों में बांटे। लाल रंग का त्याग करे।

गुड़ , मसूर की दाल , शहद , लाल वस्त्र , लाल चंदन , तांबा , सिंदूर ।
रक्त दान विशेष लाभकारी रहता है।

बुध ग्रह के उपाय

प्रबल- यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से लाभ पहुंचा रहा हो और कमजोर हो तो पन्ना सोने में बुधवार को धारण करना चाहिए ।
बुध ग्रह के मंत्र का जाप कर सकते हैं ।
मंत्र – ।। ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।।

यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो उससे संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए

दान – हरा वस्त्र , मूंग की दाल , फल , हरि सब्जी , हरि कांच की चूड़ी , किन्नर या किसी कन्या को ।

उपाय – मूंग की दाल मंगलवार की रात को जल में भीगा दें एवं बुधवार को दिन में पंछियों को खिलाएं । बुधवार को गाय को हरा चारा घास या हरी शब्जी खिलाएं ।
बहन या बुआ को हरा वस्त्र एवं हरी मिठाई दान कर सकते हैं । वाणी पर संयम रखना श्रेष्ठ उपाय है।

गुरु ग्रह के उपाय

प्रबल – यदि जन्म कुंडली में फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह लाभ दे रहा हो एवं कमजोर हो तो अपने गुरु का आशीर्वाद ले। कुल पुरोहित का आशीर्वाद ले।पुखराज सोने या पीतल में गुरुवार को धारण करना चाहिए । केले की जड़ या हल्दी की गांठ धारण कर सकते हैं । हल्दि या केसर का तिलक लगाएं । हल्दी की माला से मंत्र जाप करें ।
गुरु ग्रह के मंत्र – ।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः ।।

यदि फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो पीला वस्त्र , हल्दी , चने की दाल , केला, धार्मिक पुस्तक , पिला फल आदि का गरीबों में भंडारा करे।

किसी सच्चे साधु , महात्मा या गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए । अपने दादा का आशीर्वाद ले।

शुक्र ग्रह के उपाय

सबसे पहले अपने पति पत्नी का सम्मान करें। उनको प्रेम करे एवं उनके प्रति वफादार रहें। यदि फलादेश के हिसाब से शुक्र लाभ दे रहा हो एवं कमजोर हो तो हीरा या ओपल चांदी में शुक्रवार को धारण करना चाहिए ।
शुक्र ग्रह के मंत्र-
।। ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।।

यदि फलादेश के हिसाब से शुक्र परेशानी दे रहा हो तो शुक्र से संबंधित दान किसी युवती या काने व्यक्ति को करना चाहिए एवं उपाय करना चाहिए ।
दान – चांदी , दूध , दही , घी , इत्र , चावल , मिश्री , सफेद मिठाई , सफेद चंदन , रेशमी वस्त्र।

शनि ग्रह के उपाय

यदि कुंडली में फलादेश के हिसाब से शनि लाभ दे रहा हो और कमजोर हो तो इसको प्रबल करने के लिए नीलम चांदी या पंच धातु में शनिवार को धारण करना चाहिए।लोहे का छल्ला या कड़ा भी धारण कर सकते हैं या मंत्र जाप कर सकते हैं।
शनि ग्रह के मंत्र –
।। ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः ।।

यदि शनि फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो शनि का दान किसी वृद्ध मजदूर को शनिवार को करना चाहिए ।
दान – काले वस्त्र , उरद , कला तिल , लोहे की सामग्री , जूते , सरसो का तेल , बादाम , काला छाता ।

राहु ग्रह के उपाय

राहु से होने वाले परेशानी से बचने के लिए राहु का दान एवं उपाय जिस ग्रह के घर में राहु बैठे हैं उनके वार को कुष्ठ रोगी या सफाई कर्मी को करना चाहिए। झूठ बोलना छोड़ दें तथा अपने ससुर का सम्मान करे ।
राहु ग्रह के मंत्र –
॥ ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ॥
दान – नीले काले वस्त्र , ( यव ) जौ , काली उड़द , जटा वाला नारियल , चाय पत्ती , तंबाकू , मूली , कोयला इत्यादि।

केतु ग्रह के उपाय

फलादेश के हिसाब से केतु यदि समस्या उत्पन्न कर रहा हो तो दान एवं उपाय करना चाहिए । वार की गणना का नियम वही है जो राहु का है।

केतु ग्रह के मंत्र – ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः ।।

चितकबरा कंबल , भूरा वस्त्र , सतनाजा , नारियल , काला – सफेद तिल ,तिल का तेल , इत्यादि ।

इस प्रकार ऊर्जा के आधार पर ज्योतिष शास्त्र द्वारा निर्धारित ग्रहों के संबंधित वह कर्म मैंने कहे हैं जिनसे आपको जीवन में लाभ और आराम महसूस हो। यदि आप आराम महसूस करेंगे तो आप अपने लिए अपने परिवार और समाज के लिए बहुत कुछ श्रेष्ठ कर सकते हैं मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी इस जीवन यात्रा में मेरे द्वारा यह कहें गए कुछ उपाय महती भूमिका अदा करें ।आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद।आभार।

आपका अपना
आशीष गुप्ता
ज्योतिष विशारद
वास्तु ग्रैंड मास्टर
द्वारका दिल्ली।

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